माँ शारदा की आरती

माँ शारदा की आरती

माँ शारदा की आरती

भुवन विराजी शारदा महिमा अपरम्पार ।
भक्तों के कल्याण को धरो मात अवतार ॥

मैया शारदा तोरे दरबार, आरती नित गाऊँ ।
श्रद्धा का दीया प्रीत की बाती, असुअन तेल चढ़ाऊँ ॥

दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ ।
मन की माला आँख के मोती, भाव के फूल चढ़ाऊँ ॥

दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ ।
बल को भोग स्वांस दिन राती, कंधे से विनय सुनाऊँ ॥

दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ ।
तप को हार कर्ण को टीका, ध्यान की ध्वजा चढ़ाऊँ ॥

दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ ।
माँ के भजन साधु सन्तन को, आरती रोज सुनाऊ ॥

दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ ।
सुमर – सुमर माँ के जस गावें, चरनन शीश नवाऊँ ॥

दर्श तोरे पाऊँ, मैया शारदा तोरे दरबार आरती नित गाऊँ ।
मैया शारदा तोरे दरबारआरती नित गाऊँ ॥