माता सिद्धिदात्री आरती

माता सिद्धिदात्री आरती

माता सिद्धिदात्री आरती

जय सिद्धिदात्री माँ तू हि सिद्धि की दाता ।
तु भक्तों की रक्षक तू हि दासों की माता ॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि ।
तेरा नाम से मन की होती है शुद्धि ॥

कठिन काम सिद्ध करती हो तुम ।
जब भी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम ॥
तेरी पूजा में तो न कोई विधि है ।
तू जगदम्बें दाती तू ही सर्व सिद्धि है ॥

रविवार को तेरा सुमिरन जो करे ।
तेरी मूर्ति को ही मन में जो धरे ॥
तू सब काज उसके करती है पूरे ।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे ॥

तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया ।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया ॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली ।
जो है तेरे दर का हे अम्बें सवाली ॥

हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा ।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा ॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता ।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता ॥