श्री विष्णु मंत्र

श्री विष्णु मंत्र

श्री विष्णु मंत्र

मान्यता है कि भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत आदि करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं। घर में कभी धन की कमी नहीं होती। भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी जी भी प्रसन्न हो जाती हैं। पौराणिक शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार यदि नियमित रूप से श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप किया जाए, तो ये ना सिर्फ पापों को नष्ट करते हैं, बल्कि जीवन में काफी फलदायी भी होते हैं।प्रतिदिन भगवान मंत्र का जाप करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। यहां हम श्री हरि विष्णु के कुछ बेहद खास और प्रमुख मंत्रों एवं उनके अर्थ के बारे बता रहे हैं

1. श्री विष्णु मूल मंत्र

ॐ नमोः नारायणाय॥

मंत्र का अर्थ: मैं परम वास्तविकता, नारायण को नमन करता हूं।

2.  विष्णु भगवते वासुदेवाये मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

मंत्र का अर्थ: मैं भगवान वासुदेव को नमन करता हूं।

  1. क्लेश नाशक मंत्र

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।

प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः ।

मंत्र का अर्थ: हे वसुदेव के पुत्र, हे कृष्ण आपका स्मरण मात्र से सभी प्रकार के कलह और क्लेश का नाश होता है। ऐसे भगवान श्री गोविंद को मेरा साक्षात नमस्कार हो।

  1. श्री विष्णु गायत्री मंत्र

ॐ श्री नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

मंत्र का अर्थ: जिनका सुंदर मुख मंडल है ऐसे श्री हरि नारायण, जो श्रेष्ठ बुद्धि के धारक हैं ऐसे श्री हरि वासुदेव, जो सर्वस्व हैं ऐसे श्री हरि विष्णु सर्वव्यापी भगवान मुझे अपनी शरण में लें।

5.   मंगलम भगवान विष्णु मंत्र

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

मंत्र का अर्थ: भगवान विष्णु मंगल हैं, जिसके ध्वज में गरुड़ हैं उसका मंगलमय हो। कमल जैसे नेत्र वालों का मंगलमय हो, वह प्रभु हरि सब मंगलमय करें ।

  1. धन्वंतरि मंत्र

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व आमय

विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णवे नमः॥

मंत्र का अर्थ: परम भगवान को, जिन्हें सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरी कहते हैं, जो अमृत कलश लिए हैं, सर्व भयनाशक हैं, जो सर्वरोग नाश करते हैं, जो तीनों लोकों के स्वामी हैं और तीनों लोकों के प्राणियों का निर्वाह करने वाले हैं। ऐसे श्री विष्णु स्वरूप धन्वंतरि भगवान को नमन है।