माँ शाकम्भरी की आरती
माँ शाकम्भरी की आरती
हरि ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो ।
ऐसी अद्भुत रूप हृदय धर लीजो ॥
शताक्षी दयालु की आरती कीजो ।
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ, सब घट तुम आप बखानी माँ ॥
शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…
तुम्हीं हो शाकुम्भर, तुम ही हो सताक्षी माँ ।
शिवमूर्ति माया प्रकाशी माँ ॥
शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…
नित जो नर-नारी अम्बे आरती गावे माँ ।
इच्छा पूर्ण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे माँ ॥
शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो…
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ, जो नर आरती सुनावे माँ ।
बस बैकुंठ शाकुम्भर दर्शन पावे ॥
शाकुम्भरी अंबाजी की आरती कीजो…